अविका कवच योजना राजस्थान 2023| Avika Kavach Yojana In Hindi Rajasthan [Sheep Insurance]

अविका कवच योजना राजस्थान – भेड़ बीमा योजना (Avika Kavach Yojana 2023 In Hindi Rajasthan – Sheep Insurance Policy in Hindi) [Registration Form, Claim Process] 

जिस तरह बदलते मौसम से मनुष्यों पर प्रभाव पड़ता है, उसी तरह जानवरों में भी इसका गहरा प्रभाव पड़ता है. कई जानवर जैसे भेड़ बदलते मौसम के चलते बीमार हो जाते हैं यहाँ तक कि उनकी मृत्यु भी हो जाती है. सरकार द्वारा हमेशा से ही मानव कल्याण के लिए विभिन्न तरह की पहलें की जाती रही है, किन्तु अब बारी है जानवरों की. हमारी तरह जानवर भी अब बीमा प्राप्त करेंगे. राजस्थान सरकार द्वारा एक ऐसी योजना की शुरुआत की गई है जिससे भेड़ों के जीवन के लिए बीमा प्रदान किया जायेगा. भेड़ पालकों या भेड़ के मालिकों के लिए यह एक अच्छी खबर हैं कि उन्हें उनकी भेड़ों के लिए बीमा राशि प्राप्त होगी.

Avika Kavach Yojana

अविका कवच योजना राजस्थान लांच की जानकारी (Sheep Insurance Policy Launched Details)

क्र. म.योजना जानकारी बिंदु (Scheme Information Points)योजना की जानकारी (Scheme Information)
1.योजना का नाम (Scheme Name)अविका कवच योजना राजस्थान
2.योजना का लांच (Scheme Launched By)मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे
3.योजना की शुरुआत (Scheme Launched In)2009
4.योजना की दोबारा शुरुआत (Scheme Re-launched in)मार्च, 2017
5.योजना की देखरेख (Scheme Surpervisor)राजस्थान पशुपालन विभाग

योजना की विशेताएँ (Sheep Insurance Policy Features)

  • भेड़ पालकों का विकास :- ग्रामीण क्षेत्रों में भेड़ पालने वाले गरीब होते हैं. इनकी एक या उससे अधिक भेड़ की मृत्यु हो जाने से उनकी मासिक आय में बहुत बड़ा नुकसान होता है. इस भेड़ बीमा योजना के आने ने उन्हें इसके नुकसान से मुक्ति मिलेगी, और उनका विकास होगा.
  • अपने निवेश की सुरक्षा :- इन भेड़ों का बाजार मूल्य काफी अधिक होता है. जिसके चलते एक भेड़ खरीदने के लिए इन किसानों के पास पर्याप्त धन नहीं होता. यदि उनकी भेड़ किसी बीमारी से या प्राकृतिक आपदा के कारण मर जाती है, तो इससे उन किसानों को परेशानी का समाना करना पड़ता है किन्तु इस योजना से उनके निवेश की सुरक्षा होगी.
  • 100% बीमा :– इस योजना के अनुसार भेड़ के मालिक प्रत्येक भेड़ पर 100% बीमा प्राप्त कर सकेंगे.
  • भेड़ों के बीमा की कुल संख्या :– इस योजना के तहत इस परिवार 5 यूनिट भेड़ का बीमा कर सकता है. इन 5 यूनिट में से एक में 10 भेड़ें शामिल होती है. इसका मतलब यह है कि एक अकेला पशुपालक 50 भेड़ों का बीमा कर सकता है.
  • बीमा के लिए प्रीमियम :– भेड़ के मालिक को इस बीमा के लिए प्रीमियम का भुगतान करना होगा. यदि भेड़ के मालिक 80 किमी से अधिक भेड़ों के साथ यात्रा करते हैं, तो उन्हें 0.85% अधिक प्रीमियम का भुगतान करना होगा. और यदि वे 25 किमी से अधिक की यात्रा करते हैं तो उन्हें इसके लिए 1% प्रीमियम का भुगतान करना होगा.
  • बीमा की राशि बैंक खाते में दी जाएगी :– सभी तरह के वित्तीय लेनदेन सम्बंधित बैंक खाते के माध्यम से किये जाते हैं. इसलिए इस योजना में भी लाभार्थियों को बीमा की राशि उनके खुद के बैंक खाते में प्राप्त होगी.

योजना के लिए पात्रता (Sheep Insurance Policy Eligibility)

  • आवासीय पात्रता :- यह योजना राजस्थान राज्य सरकार ने अपने राज्य के भेड़ पालकों के लिए शुरू की है. अतः केवल राजस्थान राज्य के रहने वाले भेड़ पालक ही इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.
  • आय पात्रता :- यह योजना राज्य के उन लोगों के लिए बनाई गई है जो कि गरीबी रेखा से नीचे आते हैं. अतः इस योजना में उन लोगों को लाभ पहुँचाया जायेगा, जिनकी वार्षिक आय बहुत कम है.
  • एसटी / एससी उम्मीदवार :- इस योजना में केवल वे लोग ही लाभ उठाने के लिए सक्षम होंगे, जोकि एसटी / एससी समूह से सम्बन्ध रखते हैं.
  • पहले से बीमा प्राप्त करने वाले भेड़ :- यदि जानवरों को किसी अन्य सरकारी या प्राइवेट योजना के तहत पहले से ही बीमा प्रदान किया गया है, तो उन्हें इसके लिए पात्र नहीं माना जाएगा.
  • भेड़ों की संख्या :- इस योजना के तहत एक आवेदक को अधिकतम 50 भेड़ों के लिए बीमा प्राप्त करने की अनुमति दी गई है.

योजना में लगने वाले आवश्यक दस्तावेज (Sheep Insurance Policy Required Documents)

  • आवासीय प्रमाण पत्र :- इस योजना का क्रियान्वयन राजस्थान में किया जा रहा हैं इसलिए इस योजना का लाभ उठाने वाले लाभार्थियों के पास उनका आवासीय प्रमाण पत्र होना आवश्यक है.
  • भेड़ का चिकित्सा प्रमाण पत्र :- इस योजना में भेड़ों के लिए बीमा प्रदान किया जायेगा, तो आवेदक को उनकी भेड़ का चिकित्सा प्रमाण पत्र देना जरुरी है.
  • बीपीएल कार्ड :- यह योजना गरीबी रेखा से नीचे आने वाले लोगों के लिए हैं इसलिए इसमें आवेदन करते समय आवेदक को उनके बीपीएल कार्ड की कॉपी जमा करनी होगी.
  • भामाशाह कार्ड :- सभी आवेदकों को आवेदन करते वक्त अपने भामाशाह कार्ड की कॉपी भी देनी आवश्यक है.
  • जाति प्रमाण पत्र :- इस योजना में सभी एसटी एवं एससी समूह से सम्बन्ध रखने वाले लोगों को उनका जाति प्रमाण पत्र भी जमा करना आवश्यक है.
  • बीमा दस्तावेज :- इस भेड़ बीमा योजना में आवेदन करने के लिए आवेदकों को बीमा का रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना बहुत आवश्यक है. इसके बिना बीमा प्रदान नहीं किया जायेगा.
  • भेड़ की फोटो :- सभी आवेदकों को उनके स्वस्थ भेड़ की एक फोटो जमा करना आवश्यक है, जिसमें उनके भेड़ के कान में एक टैग लगा हुआ होना चाहिए.
  • बैंक अकाउंट पासबुक :– इस योजना में दी जाने वाली बीमा की राशि आवेदक के बैंक खाते में डाली जाएगी. इसके लिए उन्हें उनके बैंक खाते की पासबुक की कॉपी भी फॉर्म के साथ जमा करनी होगी.

आवेदन करने का तरीका (Sheep Insurance Policy Application Process)

  • इस भेड़ बीमा योजना में आवेदन करने के लिए सभी भेड़ मालिकों को आवेदन फॉर्म भर कर जमा करना आवश्यक है. इस फॉर्म को प्राप्त करने के लिए उन्हें राज्य पशुपालन विभाग या पशु अस्पताल के पास के कार्यलय में जाना होगा.
  • यहाँ इस फॉर्म को भरकर जमा कर दें. एक बार यह आवेदन फॉर्म जमा हो जाने के बाद बीमा कंपनी द्वारा एक एजेंट को नियुक्त किया जायेगा.
  • भेड़ मालिकों को पशु स्वास्थ्य देखभाल विशेषज्ञ द्वारा भेड़ की जाँच करानी होगी. इसके बाद वे आपको एक प्रमाण पत्र प्रदान करेंगे कि भेड़ स्वस्थ हैं.
  • नियुक्त किये गये एजेंट द्वारा भेड़ की जाँच की जाएगी, वे उसकी फोटो लेंगे और बीमा नंबर की पहचान के लिए उस भेड़ के कान में एक टैग लगाया जायेगा.
  • भेड़ के कान में लगाये गए टैग और उसकी फोटो के लिए लगने वाले सभी खर्चों को बीमा कंपनी द्वारा उठाया जायेगा. यह उनका कर्तव्य होगा.

अविका बीमा पॉलिसी राशि के लिए क्लैम कैसे करें (How to Claim For Insurance Amount)

  • सभी पशुपालकों को उनके भेड़ की मौत के बारे में सम्बंधित विभाग को जानकारी देनी होगी. यह जानकारी भेड़ की मौत के 6 घंटे के अंदर दी जानी चाहिए. यदि भेड़ की मौत रात में होती है तो उसे दुसरे दिन सुबह इसके बारे में विभाग को जानकारी देनी होगी.
  • एक बार बीमा कंपनी या राज्य पशुपालन विभाग को यह जानकारी देने के बाद ऑथोरिटी द्वारा एक जांचकर्ता को नियुक्त किया जायेगा. उस मरे हुए भेड़ को दिए गये 6 घन्टे के अंदर ही जांचना होगा.
  • यदि उस समय सीमा के अंदर जांचकर्ता की नियुक्ति नहीं हो पाती है तो ऑथोरिटी को एक प्रतिष्ठित पशु चिकित्सा विशेषज्ञ द्वारा भेड़ के पोस्टमार्टम का आदेश दिया जायेगा. यह राज्य पशु अस्पताल में भी किया जा सकता है.
  • इसके बाद मरे हुए भेड़ की उसके मालिक के साथ एक फोटो लेने की जिम्मेदारी इसके इन चार्ज की होगी. इसमें भेड़ के कान पर लगा हुआ टैग स्पष्ट रूप से दिखाई देना चाहिए.
  • यह हो जाने के बाद बीमा पालिसी धारक को बीमा कंपनी को इसके बारे में बताने के लिए कॉल या एसएमएस करना होगा. आवेदक को अपने सभी दस्तावेजों को तैयार रखना आवश्यक है.
  • इसके बाद पालिसी धारक को बीमा कंपनी से दावा करने के रूप में एक फॉर्म भरने की आवश्यकता होती है. इसमें वे अपनी सारी जानकारी सही – सही भरें और इसे जमा कर दें.
  • इसके बाद सभी दस्तावेज के साथ भेड़ के मालिक को भेड़ की मौत का प्रमाण पत्र, मृत भेड़ की फोटो और भेड़ के कान में लगा हुआ मूल टैग बीमा कंपनी में जाकर जमा करना होता है.    
  • फिर बीमा कंपनी द्वारा सभी दस्तावेजों की जाँच की जाएगी. यदि सभी चीजें जगह पर हैं, तो भेड़ के मालिक को जितनी जल्दी हो सकें बीमा राशि प्रदान हो जाएगी.

इस बीमा पालिसी का लाभ पशुपालकों को होगा. दुसरे शब्दों में कहा जाए तो राजस्थान सरकार पशुपालकों की आय का बीमा कर रही है. जो लोग इन पशुओं के माध्यम से अपनी जीविका चलाते हैं यदि इनकी मृत्यु हो जाए तो इसका सबसे बड़ा नुकसान इन पशुपालकों को ही होता है. किन्तु अब उन्हें इस योजना के आने के बाद चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है.

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