{morth.nic.in} Driving Training Centre Scheme (DTC) | ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर स्कीम

ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर स्कीम ( Driving Training Centre Scheme (DTC))

हमारी सरकार भारत में उपस्थित रोड, उसकी कंडीशन और रखरखाव को लेकर हमेशा से जागरूक रहीं है. हमेशा से यह नोटिस किया गया है की हमारे यहा होने वाले अधिक्तर रोड़ एक्सीडेंट ड्राइवरों की गलती के कारण होते है क्योंकि उन्हें रोड के रूल्स के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती. इसलियें अगर इन ड्राइवरों को अच्छी तरह से ट्रेनिंग दी जाएगीं तो इन रोड एक्सीडेंट की संख्या को कम किया जा सकता है. अपने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमारी केंद्र सरकार द्वारा ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर स्कीम की शुरुआत की जा रही है, यह योजना मुख्यतः ड्राइवरों के लिए होगी. इस योजना के अंतर्गत सरकार ड्राइवरों को ट्रेनिंग प्रदान करेगी. इसके द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जायेगा की देश में रोजगार के अवसर बढ़े. इस स्कीम को मोटर व्हीकल अमेंडमेंट बिल 2017 के अंतर्गत शामिल किया जायेगा.

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Table of Contents

ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर स्कीम की डिटेल Details of Driving Training Centre Scheme

योजना का नामड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर स्कीम Driving Training Centre (DTC)
किसके द्वारा और क्रियान्वित की जाएगीभारत की केंद्र सरकार के द्वारा
घोषणा2017 (मोटर व्हीकल अमेंडमेंट बिल)
लांच दिनांक7 मार्च 2018
कहाँ लांच की गईंट्रांसपोर्ट भवन दिल्ली
योजना का समय31 मार्च 2020 तक
लाभान्वितड्राईवर

मुख्य उद्देश्य Objectives

  • इस योजना का मुख्य उद्देश्य उन लोगों को वित्तीय सहायता देना है जो अपना ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर चालू करना चाहते है. ये सेंटर देश में कही भी स्थापित किये जा सकते है और सरकार इस तरह के सेंटर स्थापित करने में सहयोग देगी.
  • इस योजना के द्वारा इस बात का ध्यान रखा जायेगा की देश के रोड सभी के लिए सेफ हो, इसलिये इस योजना के अंतर्गत ड्राइवरों को क्वालिटी कंप्यूटर कंट्रोल ट्रेनिंग भी दी जाएगी.
  • इस योजना का एक और मुख्य उद्देश्य अच्छे ड्राइवरों को तैयार कर देश की यातायात सुविधा में सुधार करना है. इसके द्वारा ट्रैफिक जाम, रोड एक्सीडेंट आदि चीजों में कमी आयेगी और लोग रोड पर सफर करने में सेफ महसूस करेंगे.

मुख्य बिंदु Key Features

सिम्युलेटर :

इन ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों में ड्राइवरों की ट्रेनिंग के लिए सिम्युलेटर का उपयोग किया जायेगा. इससे प्रशिक्षित ड्राईवर हर कंडीशन में किसी भी तरह के रोड पर सेफ ड्राइविंग करने में सक्षम होंगे.

एनएसक्युएफ (NSQF) फ्रेमवर्क :

इन ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटरों में ड्राइवरों को नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क के अंतर्गत ट्रेन किया जायेगा. इस प्रकार इसके द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा की ड्राइवरों को अच्छी गुणवत्ता का प्रशिक्षण मिल सके.

व्हीकल :

इन ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर में केंद्र सरकार द्वारा दो तरह के व्हीकल का उपयोग किया जायेगा. इनमें से एक लाइट मोटर व्हीकल और दुसरे हैवी मोटर व्हीकल होंगे. इन सेंटरों में दोनों तरह के व्हीकल का अच्छा प्रशिक्षण दिया जायेगा.

सरकारी सहायता :

सरकार के द्वारा इस तरह के सेंटर की स्थापना के लिए वित्तिय सहायता की जाएगी. इसके अलावा इसका मुख्य उद्देश्य पहले से स्थापित इस तरह के सेंटरों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है.

ड्राइविंग लाइसेंस टेक्नोलॉजी सिस्टम :

इस योजना की सबसे अच्छी चीज यह है की इसके द्वारा टेक्नोलॉजी बेस्ड सिस्टम के उपयोग से ड्राईवर को ड्राइविंग लाइसेंस प्रदान किया जायेगा. इसके लिए ऑब्जेक्टिव साइंटिफिक प्रोसेस द्वारा ड्राइवरों का टेस्ट लिया जायेगा. इस तरह से लाइसेंस प्रदान करने के आर. टी. ओं. द्वारा किसी भी पास के सेंटर का उपयोग किया जा सकता है.

रोजगार के अवसर :

इन सेंटरों में ट्रेनिंग के साथ-साथ ड्राइवरों को रोजगार के अवसर भी प्रदान किये जायेंगे, इससे अधिक संख्या में लोग इस तरह की ट्रेनिंग लेने के लिए आकर्षित होंगे.

इंफ्रास्ट्रक्चर Infrastructure :

इस तरह का ड्राइविंग सेंटर शुरू करने से पहले यह आवश्यक है की आवेदक को इसके रूल्स के बारे में जानकारी हो. इस तरह की कुछ जानकारी हम आपको नीचें उपलब्ध करवा रहें है :

जगह से संबंधित जानकारी :

इस तरह का प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने के लिए यह आवश्यक है कि आवेदक के पास कम से कम 2 एकड़ जमीन हो जो की उसके नाम पर या लीज पर हो.

क्लास रूम :

इस तरह के ट्रेनिंग सेंटर में कम से कम 2 कमरे होना आवश्यक है जहाँ पर प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले व्यक्तियों को थ्योरी संबंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके अलावा इन कमरों में प्रोजेक्टर होना चाहिए जिसके द्वारा टेक्नोलॉजी संबंधित जानकारी दी जाएगी.

सिम्युलेटर और वाहन :

इन सेंटरों में ट्रेनिंग के लिए ड्यूल कंट्रोल के साथ हैवी और लाइट वेट व्हीकल होना आवश्यक है. इसी के साथ दोनों तरह के व्हीकल में ड्राइवरों को सिम्युलेटर उपलब्ध करवाना भी आवश्यक है .

ब्रोडबैंड और बायो-मैट्रिक :

इन सेंटरों में इंटरनेट की सुविधा और बायो-मैट्रिक सिस्टम होना भी आवश्यक है जिसके द्वारा ड्राइवरों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी.

ड्राइविंग ट्रैक :

ड्राइवरों को कुछ स्पेशल ड्राइविंग स्किल्स जैसे रिवर्स ड्राइविंग, स्लोप पर ड्राइविंग आदि के प्रशिक्षण के लिए ड्राइविंग ट्रैक पर पर्याप्त जगह का होना आवश्यक है. इसके अलावा ड्राइवर्स को पार्किंग का प्रशिक्षण देने के लिए भी प्रयाप्त जगह का होना आवश्यक है.

बाथरूम और अन्य सुविधाये :

इन सेंटरों में पर्याप्त स्टाफ का होना आवश्यक है जिससे यहाँ का काम ठीक से हो सके. इसके अलावा यहाँ महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग बाथरूम की व्यवस्था होनी चाहियें.

आवेदन प्रक्रिया

इस योजना के अंतर्गत कोई भी प्राइवेट संस्था भी अपना स्वयं का ट्रेनिंग सेंटर स्थापित कर सकती है. इसके लिए आपको एक एप्लीकेशन फॉर्म भरना होगा जिसके लिए आपको निम्न स्टेप फॉलो करनी होगी.

ऑफिशियल वेबसाइट :

इसके लिए आवेदक को भारत के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ऑफिशियल वेबसाइट nic.in पर विजिट करना होगा. इसके बाद आपको इस पेज पर मंत्रालय द्वारा जारी अधिकारिक सूचना को ढूँढना होगा.

डीटीसी का ऑफिशियल नोटीफीकेशन :

आवेदक इस ऑफिशियल नोटीफीकेशन को इस वेबसाइट http://morth.nic.in/showfile.asp?lid=3159 से डाउनलोड भी कर सकता है. आवेदक को पहले दिये गये इंस्ट्रक्शन अच्छे से पढ़कर फिर इस फॉर्म को डाउनलोड करना चाहियें.

एप्लीकेशन फॉर्म :

अब इस एप्लीकेशन फॉर्म में आवेदक को महत्वपूर्ण जानकारी जैसे नाम, लीगल स्टेटस, कांटेक्ट नंबर, बैंक एकाउंट नंबर आदि भरना होता है. आवेदक को यह सभी जानकारी सही भरना आवश्यक है.

डाउनलोड और प्रिंट :

जब आप यह फॉर्म पूर्ण रूप से भर ले तो आपको इसे प्रिंट कर लेना चाहिये और फिर इसे सबमिट कर देना चाहिये.

 वित्तीय सहायता Funding

सरकारी सहायता :

इस योजना के अंतर्गत सरकार के द्वारा इस तरह का सेंटर स्थापित करने के लिए 50 प्रतिशत (1 करोड रुपय पर) तक की सहायता की जायेगी. यह सहायता इसका इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने और टेक्निकल फीचर्स मेंटेन करने के लिए दी जाएगी.

अन्य खर्चे :

इसके अलावा अन्य खर्चे संसथान को खुद उठाने होंगे. इस स्थिति में आवेदक चाहे तो अपने संस्थान के लिए किसी गैर-सरकारी संस्थान से मदत ले सकता है.

Eligibility पात्रता:

  • सभी प्रकार के एनजीओ, ट्रस्ट, को-ओपरेटिव सोसायटी, व्हीकल मैन्युफैक्चरर, फर्म, स्टेट अंडरटेकिंग और अन्य एजेंसीज आदि इसमे अपना आवेदन कर सकते है. अगर यह सेंटर केंद्र या राज्य सरकार के अंतर्गत रजिस्टर है तो वे अपना ट्रेनिंग सेंटर स्थापित कर सकते है.
  • अगर इस स्कीम में कोई एनजीओ अपना आवेदन कर रहा है तो उसके लिए यह आवश्यक है की उसका रजिस्ट्रेशन निति आयोग के दर्पण पोर्टल के अंतर्गत किया गया हो. अगर ऐसा नही होता है तो एनजीओ आवेदन करने के पात्र नहीं होंगे.
  • इस योजना में रजिस्टर करने के लिए आवेदक को अपनी वित्तीय योग्यता सरकार को बतानी होगी अगर उसके पास इस योजना के लिए पर्याप्त धन नहीं होता है तो वे इसमे अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करवा सकते.

मुख्य दिनांक Important Dates

योजना की अंतिम दिनांक :

इस योजना को 7 मार्च को लांच किया गया है और यह 31 मार्च तक 31 मार्च 2020 तक चालू रहेगी. 31 मार्च के बाद किसी भी संस्थान को वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी .

प्रोजेक्ट पुरा करने की अंतिम दिनांक :

इस योजना का लाभ लेने के लिए यह आवश्यक है की आवेदक द्वारा अपने प्रोजेक्ट की सारी फोर्मलिटी 31 दिसंबर 2019 के पहले कर ली जाये. अगर यह तारीख चुक जाती है तो आप इस योजना का लाभ नहीं ले पायेंगे.

एप्लीकेशन के लिए पहले सेट की अंतिम तारीख :

इस योजना का लाभ लेने के लिये सरकार द्वारा इस वर्ष 30 अप्रैल 2018 तक आवेदन लिए जायेंगे. इसके बाद पहले सेट में कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किये जायेंगे. इसके बाद पात्र आवेदक का चुनाव 31 मई तक 2018 तक कर लिया जायेगा.

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