सेवा भोज योजना 2023 | Seva Bhoj Yojana 2023 Hindi

सरकार ने शुरू की ‘सेवा भोज योजना’ (Government Launches New Scheme ‘Seva Bhoj Yojana Hindi )

केंद्रीय सरकार ने अभी हाल ही में ‘सेवा भोज योजना’ नाम की एक स्कीम स्टार्ट की है. इस स्कीम के जरिए लंगर में दिए जाने वाले खाने को बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों पर, लगने वाले जीएसटी के पैसों को सरकार वापस कर देगी, ताकि जिन चैरिटेबल रिलीजियस इंस्टीटूशन्स द्वारा मुफ्त में लोगों को खाना खिलाया जाता है उनपर पड़ने वाले जीएसटी के खर्चे के बोझ को कम किया जा सके.

Seva Bhoj Yojana

सेवा भोज योजना

योजना का नामसेवा भोज योजना’
कब की गई योजना की घोषणाएक जून, 2018
किसके द्वारा शुरू की गई योजनासेंट्रल गवर्नमेंट
किसको मिलेगा लाभचैरिटेबल रिलीजियस इंस्टीटूशन्स
योजना का बजट325 करोड़
किन चीजों पर किए जाएंगे जीएससी के पैसे रिफंडभोजन / प्रसाद / लंगर / भंडारा

कब शुरू की गई ये योजना

सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा स्टार्ट की गई इस योजना की इनफार्मेशन मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर द्वारा एक जून को दी गई है. मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर के मुताबिक सेंट्रल गवर्नमेंट, हमारे देश के चैरिटेबल रिलीजियस इंस्टीटूशन्स द्वारा भरे गए सीजीएसटी (CGST) और आईजीएसटी (IGST) टैक्स के पैसों को वापस कर देगी.

क्या है योजना (‘Seva Bhoj Yojna’ Details)

  • दरअसल देश में गुड एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लागू होने के बाद चैरिटेबल रिलीजियस इंस्टीटूशन्स जैसी की मंदिर, गुरुद्वारा, मस्जिद, चर्च और इत्यादि जगहों पर श्रद्धालु को दिए जाने वाले खाने, को बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों पर भी ये टैक्स लगने लगा था.
  • सामग्रियों (दाल, चीनी, आटा इत्यादि ) पर टैक्स लगने के कारण जिन चैरिटेबल रिलीजियस इंस्टीटूशन्स द्वारा ये खाना खिलाया जाता था, उनपर काफी आर्थिक बोझ पड़ने लगा था.
  • चैरिटेबल रिलीजियस इंस्टीटूशन्स पर बढ़े इस आर्थिक बोझ को कम करने के मकसद से सरकार ने इस स्कीम को चलाया है और अब सरकार चैरिटेबल रिलीजियस इंस्टीटूशन्स के उन सामग्रियों पर लगने वाले गुड एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के पैसों को रिफंड कर देगी, जिनका इस्तेमाल लंगर के खाने को बनाने में किया जाता है.

योजना का बजट (Budget)

‘सेवा भोज योजना’ से जुड़े हुए नोटिफिकेशन के अनुसार सेंट्रल गवर्नमेंट इस स्कीम के लिए 325 करोड़ रुपए आवंटित करेगी. और ये बजट फाइनेंसियल ईयर 2018-19 और 2019-20 के लिए बनाया गया है.

कैसे किए जाएंगे पैसे रिफंड

  • मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर के अनुसार जब चैरिटेबल रिलीजियस इंस्टीटूशन्स लंगर के खाने को बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों को खरीदेंगे, तो उन्हें उन चीजों पर लगने वाले जीएसटी को देना होगा.
  • सामग्रियों को खरीदने के बाद चैरिटेबल रिलीजियस इंस्टीटूशन्स को जो रसीद मिलेगी उनको वो रसीद सरकार को देनी होगा और रसीद के हिसाब से इन इंस्टीटूशन्स ने जितना जीएसटी, खाने की सामग्री को खरीदने के दौरान भरा होगा वो उनको वापस कर दिया जाएंगे.

पैसे रिफंड करने की प्रक्रिया (Refund process)

  • चैरिटेबल रिलीजियस इंस्टीटूशन्स को उनके द्वारा भरे गए सीजीएसटी (CGST) और आईजीएसटी (IGST) टैक्स के पैसों को वापस लेने के लिए, सबसे पहले अपने आपको ‘दर्पण पोर्टल’ पर रजिस्टर करवाना होगा.
  • जिसके बाद मंत्रालय उन सभी इंस्टीटूशन्स की जांच करेगा जिन्होंने अपने आपको रजिस्टर करवाया होगा.
  • चैरिटेबल रिलीजियस इंस्टीटूशन्स की जांच करने की जिम्मेदारी मंत्रालय एक समिति को देगा और उस समिति को उन सभी इंस्टीटूशन्स की जांच 4 सप्ताह के भीतर करनी होगी. जिन्होंने ने अपने आपको ‘दर्पण पोर्टल’ पर रजिस्टर करवाया होगा.
  • अगर समिति से ‘दर्पण पोर्टल’ पर रजिस्टर करवाए गए चैरिटेबल रिलीजियस इंस्टीटूशन्स को अप्रूवल मिल जाता है, तो इन इंस्टीटूशन्स द्वारा भरे गए टैक्स के पैसों को वापस कर दिया जाएगा.

कौन चैरिटेबल रिलीजियस इंस्टीटूशन्स कर सकते हैं आवेदन

  • मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर के अनुसार केवल उन्हीं चैरिटेबल रिलीजियस इंस्टीटूशन्स को इस स्कीम का फायदा दिया जाएगा, जो इंस्टीटूशन्स, पांच साल से रजिस्टर्ड हैं.
  • साथ ही जो रिलीजियस इंस्टीटूशन्स हर महीने कम से कम पांच हजार लोगों को लंगर खिलाते हैं, केवल वो ही इस स्कीम के लिए अप्लाई कर सकते हैं.

सरकार की इस स्कीम की मदद से जीएसटी के कारण जो आर्थिक बोझ चैरिटेबल रिलीजियस इंस्टीटूशन्स पर पड़ रहा है, वो अब एकदम खत्म हो जाएगा और ये इंस्टीटूशन्स अधिक से अधिक लोगों को मुफ्त में खाना खिला सकेंगे.

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